डेटॉक्स के लिए गुरु-चेला और अकेला को कैसे प्रयोग करें
How to use Guru Chela and Akela for Detox (with English Translation)
गुरु-चेला और अकेला की खुराक तैयार करने के लिए चरणबद्ध निर्देश:
चरण 1: टीकाकरण के बाद आपके रक्त में हो रहे बदलावों को जानने के लिए यह टेस्ट करवाएं
1. D-Dimer – यह टेस्ट आपके शरीर में थक्को को पहचानने में सहायता करता है
(सामान्य सीमा– 0 से 500ng/ml (0.00 – 0.5 ug/ml है)
2. Haematology: Hb, RDW, platelets, WBC, अन्य मानक पैरामीटर
3. लीवर फंक्शन टेस्ट (LFT)
चरण 2: एक स्थायी ब्लैक मार्कर के साथ 1 लीटर प्लास्टिक/कांच की प्लास्टिक कैप वाली बोतल की व्यवस्था करें। इस मार्कर के साथ, खाली बोतल पर 8 बराबर भागों को चिन्हित करें जैसा की चित्र में दिखाया गया है
चरण 3: गुरु चेला और अकेला की नई बोतलें खोलने की विधि: बोतल के ढक्कन को कसकर बंद करें और उसे खोलें। कैप में स्वयं छेद करने की व्यवस्था है जिस से उसकी सील टूट जाएगी। यदि सेल्फ पियर्सिंग नहीं होती है तो एक पिन का उपयोग करें और उसमें छेद करें।
चरण 4: एक लीटर की बोतल का ढक्कन लें और उसे कपड़े से अच्छी तरह सुखा लें।
चरण 5 : गुरु की 8 बूँदें और चेला की 8 बूँदें इस ढक्कन मे डालें। तब तक प्रतीक्षा करें जब तक कि घोल का रंग लगभग 30 सेकंड में पीला न हो जाए।
चरण 6 : अब इसे ध्यान से एक लीटर पानी की बोतल में डालें जिसे आपने पहले चिह्नित किया था। बोतल से थोड़ा पानी ढक्कन मे डाल कर, घोल के पूरे अंश को बोतल के पानी मे मिला ले ।
चरण 7 : बोतल के ढक्कन को बंद करें और बोतल को हिला दें। अब यह उपयोग के लिए तैयार है।
नोट– गुरु, चेला और अकेला की बोतलों को हमेशा ठंडी और सूखी जगह पर रखें।
खुराक
प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से अपने लिए खुराक निर्धारित करनी होती है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए शरीर में विषाक्त पदार्थों को ऑक्सीकरण अर्थात समाप्त करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा अलग होती है। यहां बताया गया है कि आप अपनी कोशिकाओं के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ कैसे बन सकते हैं।
A. पहला दिन:- चूँकि प्रतिदिन के लिए कुल 8 खुराक है इसलिए प्रति घंटे एक गिलास में एक भाग लेना पड़ता है। उदाहरण के लिए यदि एक गिलास में पहला भाग सुबह 9 बजे लिया जाता है, तो गिलास में दूसरा भाग सुबह 10 बजे, तीसरा भाग 11 बजे और इसी तरह… अंतिम खुराक यानी 8वीं खुराक शाम 4 बजे होगी। अब आपको प्रतिदिन दो बूँद बढ़ाते जाना है जब तक की आप अपनी आदर्श खुराक पर न पहुंच जाएं।
(नोट:– एक घंटे के अंतराल का सख्ती से पालन करें और अपने फोन में टाइमर का उपयोग करने की सलाह दी जाती है)।
B. दूसरा दिन:- अब आपको प्रतिदिन दो बूँद बढ़ाते जाना है जब तक की आप अपनी आदर्श खुराक पर न पहुंच जाएं। गुरु और चेला की 8 बूंदों के स्थान पर दो बूँद बढ़ा कर प्रत्येक की 10-10 बूँदें डालें और शेष कार्य चरण A की तरह ही रखें।
C. तीसरा दिन:– गुरु और चेला की दो-दो बूँद और बढ़ाकर प्रत्येक की 10 बूंदों के बजाय 12 बूंद डालें और शेष कार्य चरण A की तरह ही रखें।
D. इसी तरह प्रतिदिन दो बूँद बढ़ाते रहे जब तक कि आप ज्यादा गैस, चक्कर, उल्टी या दस्त के कारण असहज महसूस न करने लगे। बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है, इसका मतलब सिर्फ इतना है कि आप अपने शरीर के लिए आदर्श खुराक तक पहुंच गए हैं। अब बूँदें बढ़ाना बंद कर दें। यह पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि आपका शरीर आपके सिस्टम से बहुत तेजी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में इसे बेअसर करने के लिए कड़क कॉफी या विटामिन सी किसी भी रूप में जूस से सकते है जैसे ताजा संतरे या मौसम्बी का जूस या विटामिन-सी टैबलेट लें। किसी दवा की आवश्यकता नहीं है।
E. अब इसका मतलब है कि गुरु चेला की असहज होने से पिछले दिन की खुराक आपकी आदर्श खुराक है। अगली खुराक लेने से पहले ओवरडोज के असर को समाप्त होने तक खुराक न लें। विटामिन-सी एस्कॉर्बिक एसिड है जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट है जो ऑक्सिडाइजर गुरु-चेला और अकेला को बेअसर करता है। यदि अगले दिन तक आपके ओवरडोज़ का असर सामाप्त हो जाय तो अगली खुराक की शुरुआत अपनी आदर्श खुराक से करें।
उदाहरण के लिए: यदि आप छठे दिन असहज महसूस करते हैं और आप गुरु और चेला की 18 बूंदों पर हैं। विटामिन सी लेने के बाद दो से छह घंटे में आपकी बेचैनी दूर हो जाएगी। अब 7वें दिन से गुरु और चेला की 16 बूंदों से खुराक लेना शुरू करें और 21वें दिन तक जारी रखें। ये 16 बूंद एक लीटर पानी में आपकी आदर्श खुराक है।
F. अकेला, जैसा कि नाम से पता चलता है, अकेले प्रयोग किया जाता है। जब गुरु-चेला का घोल 1:1 घंटे में लिया जाता है, तो अकेला की 3 बूँदें काम में आ जाती हैं। मतलब कि जब आप एक लीटर पानी में 8 गुरु और 8 चेला लेंगे तो हर घंटे 1 बूंद गुरु और 1 बूंद चेला आपको मिलेगा। अब गुरु-चेला के एक भाग को बोतल से एक गिलास में डालें, उस गिलास मे और पानी डालें और फिर उसमें अकेला की 3 बूँदें डालें और पी जाएँ। इसे हर घंटे आठ बार दोहराएं। जब आप 16 बूंद गुरु और 16 बूंद चेला पहुंच जाएं तो 6 बूंद अकेला हर घंटे, 21 दिनों तक लें। जैसा कि नाम से पता चलता है कि अकेला को अलग से लिया जाना है और उपरोक्त चरण 5 के दौरान गुरु चेला के घोल वाली बोतल में नहीं मिलाना है। (जो लोग दिन में चार बार अकेला की 20 बूंदों पर हैं, उन्हें अकेला का एक अतिरिक्त सेट खरीदना पड़ सकता है। उच्च डी-डिमर या अन्य गंभीर स्थितियों के मामले में अतिरिक्त अकेला दिया जाता है।
(एक बार फिर ध्यान दें: अकेला को एक लीटर की बोतल में न मिलाएं। आपको अकेला को हर घंटे वाले हिस्से में अलग से मिलाना है)
G. 21 दिन की खुराक पूरी होने के बाद, ऊपर चरण 1 में बताये गए अनुसार फिर से टेस्ट करें यानी डी-डायमर, सीबीसी और एलएफटी।
H. कृपया व्हाट्सएप के माध्यम से दोनों रिपोर्ट (डिटॉक्स किट लेने से पहले और बाद में) भेजें।
YouTube पर वीडियो
https://www.youtube.com/watch?v=JlVcF3vw1jE
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एक मरीज़ के वास्तविक मामले का अध्ययन का :-
एक मरीज ने अजीबोगरीब खून की रिपोर्ट दिखाई।
डी-डिमर – सामान्य
प्लेटलेट्स – सामान्य
एलएफटी – सामान्य
आरडीडब्ल्यू (RDW) – 44 (सामान्य 11 से 14 है)
आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी की कमी होने पर लाल रक्त कोशिका वितरण चौड़ाई (Red blood cell Distribution Width – RDW) बड़ी हो जाती है। और ऐसे में हीमोग्लोबिन Hb कम दिखता है।
परन्तु इस मरीज़ का Hb हीमोग्लोबिन सामान्य दिख रहा था।
इसका मतलब है कि उसके अस्थि मज्जा में कुछ असामान्य हो रहा है जो बड़े आकार की लाल रक्त कोशिकाओ (RBC) का उत्पादन कर रहा है। इससे ब्लड कैंसर या हार्ट अटैक हो सकता है।
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रखरखाव खुराक
यह प्रोटोकॉल उन लोगों के लिए है जो स्वस्थ हैं और अपने दीर्घकालिक स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहते हैं।
तैयारी और खुराक:
(i) 6 बूंद गुरु और 6 बूंद चेला को एक सूखे, बिना धातु का जैसे की कांच के 250 मिली कप/गिलास में डालें और सक्रिय होने के लिए 30 सेकंड तक प्रतीक्षा करें। (इसे बिना पानी के ही डालना है)
(ii) सक्रिय होने के बाद इस घोल का रंग गहरे पीले रंग में बदल जाता है। फिर गिलास में पानी भरकर अकेला की 20 बूंदें डाल कर तुरंत पी लें।
यह प्रोटोकॉल हर रात सोने से पहले लेना चाहिए। सुविधा के लिए आप अपने बिस्तर के बगल में एक गिलास अलग से रख सकते हैं।
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एक विचार:
हमारा स्वास्थ्य हमारे वातावरण के प्रति हमारे व्यवहार की और संकेत करता है। इसलिए ईश्वर द्वारा दी गई भूमि, आकाश, वायु, अग्नि और जल अर्थात पांच महाभूतों की जिम्मेदारी लें, तब आप अच्छे स्वास्थ्य का आनंद ले पाएंगे। आपके पास आने वाली हर जानकारी की जांच करें क्योंकि जानकारी के माध्यम से ही विचारों का निर्माण होता है जो कि वास्तविक शक्ति है, तो नकारात्मक या सकारात्मक रूप से आवेशित भावनाएं हमारे अंतःस्रावी तंत्र (endocrine system) को प्रभावित करती हैं जिससे हार्मोन का उत्पादन होता है जिसे एंजाइम या रसायन भी कहा जाता है। तनाव हार्मोन कोशिकाओं के आसपास विषाक्त तत्वों को संग्रहित कर देता है। अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए हमारे शरीर सामान्य मल त्याग (excretion) अपर्याप्त होता है। दूषित हवा, पानी और भोजन शरीर में विषाक्त पदार्थों को बढ़ाते हैं। शरीर में साथ रहने वाले जीवाणु, वायरस, या अन्य सूक्ष्मजीव जो बीमारी का कारण बन सकते हैं को विषाक्त कोशिकाओं से खुराक मिल जाती है और इसे संक्रमण या रोग शरीर में पनपते है।
गुरु चेला और अकेला 50% अतिरिक्त ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और विषाक्त पदार्थों और बीमार कोशिकाओं का ऑक्सीकरण (समाप्त करना) करते हैं। यह आपकी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली की स्वयं का उपचार करने क्षमता को पुनर्स्थापित एवं मज़बूत करता है। इस तरह आपकी कोशिकाएं आपके शरीर को ठीक करती हैं। इसलिए इस स्व-उपचार प्रणाली के लिए ईश्वर का धन्यवाद करें, अपनी कोशिकाओं से प्यार करें और उन पर दया करें, ईश्वर से प्रार्थना करें कि आप अपने स्वयं के उपचार प्रणाली को बहाल करने में मदद करें। भगवान ने आपके लिए गुरु चेला और अकेला उपलब्ध करवाएं है, जिस से स्वयं के उपचार प्रणाली मज़बूत होगी । पैकिंग के लिए उपयोग की जाने वाली प्रत्येक सामग्री को उसके स्वभाव के अनुसार सूखा और साफ रखा जाना चाहिए और फिर रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जाना चाहिए। सामग्री का उपयोग और फेंकने की आदत विकसित न करें । क्योंकि ईश्वर की रचना में व्यर्थ (waste) नाम की कोई चीज नहीं है।
Step by step instructions to prepare GURU-CHELA & AKELA doses
Step 1: Tests to be done before starting
a. D-Dimer
b. Hematology(CBC)
c. LFT (Liver Function Test)
Step 2: Arrange 1 liter plastic/glass bottle with plastic cap and a permanent black marker. With this marker, mark 8 equal portions on the empty bottle as shown in the diagram below.
Step 3: Open new bottles of Guru-Chela & Akela. Tightly close the cap of the bottle, and then open it. The seal will break with a self piercing system in the cap. In case self piercing doesn’t happen then use a pin & pierce it.
Step 4: Take the cap of one liter bottle and dry it well with a cloth.
Step 5:Put 8 drops of Guru and 8 drops of Chela in this cap and watch it’s color changing to yellow or dark yellow in 30 seconds
Step 6: Now carefully pour it in the one liter water bottle which you marked earlier. Rinse the cap well with the same water from the bottle to ensure the entire solution is used well.
Step 7: Close the cap and turn the bottle upside down. Now it is ready to use.
Note- Always store the bottles of Guru, Chela & Akela in a cool and dry place.
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DOSES
Everyone has to individually set a comfortable dose for themselves, by doing an overdose, which means that the quantity of oxygen required to oxidize the toxins is different for each individual. Here is how you learn to become a health expert for your own cells.
A. First day:- Since the total number of doses per day is 8. Hence, one has to take one portion in a glass per hour. For example if the first portion in a glass was taken at 9 am then the second portion in the glass is to be taken at 10am, third at 11am and so on… The last dose i.e. 8th dose will be at 4pm.
Now from next day you have to increase 2 drops everyday till you reach your ideal dose.
(Note:- Strictly follow the one hour gap and using a timer on your phone is recommended).
B. Second day:- So on the second day instead of 8 drops of Guru & Chela, put 10 drops of each and keep the rest the same as in step A.
C. Third Day:- Instead of 10 drops of Guru & Chela put 12 drops and rest is the same as in step A above.
D. Similarly, increase 2 drops daily i.e. every next day, till you feel uncomfortable like too much gas, nausea, vomiting or loose motion. Need not to worry at all, this only means that you have reached your overdose point. Stop increasing the drops now. This is perfectly safe as your body is trying to throw toxins too fast, out of your system. In such a case, to neutralize the same, take strong coffee or Vitamin C in any form of juice like fresh orange juice or Vitamin C tablet. No medicine is required.
E. Now this means that the previous day’s dose of Guru Chela is your ideal dose. Take a gap from taking the next dose till the overdose feeling settles. Vitamin C is Ascorbic Acid and an antioxidant which neutralizes the oxidizer Guru-Chela & Akela. Next day start with your comfortable dose.
For example: If you felt uncomfortable on 6th day and you are on 18 drops of Guru & Chela. Your discomfort will settle down in two to 6 hours. Now start taking the solution with 16 drops of Guru and Chela from 7th day and continue till 21st day. These 16 drops solution is your ideal dose in one liter water.
F. AKELA, as the name suggests, is used alone. When Guru-Chela solution is taken 1:1 hourly, then 3 drops of Akela will be used. That means when you take 8 Guru & 8 Chela in one liter water, then every hour you will get 1 drop Guru & 1 drop Chela. Now pour one portion of Guru-Chela from the bottle to a glass, add more water and then add 3 drops of Akela in it and drink. (Repeat it every hour for eight times. When you reach 16 drops Guru and 16 drops Chela then take 6 drops Akela every hour, for 21 days. As the name suggests Akela is to be taken separately and not to be mixed with Guru Chela solution bottle during Step 5 above. (Those who are on 20 drops of Akela four times a day may require to purchase an extra set of Akela. In case of high D-Dimer or other serious conditions extra Akela is given. Otherwise, normal proportion of Guru:Chela:Akela is 1:1:3)
(NOTE: Do not mix Akela in the one litre bottle. You have to mix Akela in the hourly portion separately)
G. After completion of 21 days doses, do the test again as recommended in Step1 above i.e. D-Dimer, CBC & LFT.
H. Kindly send both the reports (Before and After taking Detox kit )through whatsApp.
I. Tutorial Videos on You Tube
https://www.youtube.com/watch?v=JlVcF3vw1jE
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Case Study :-
One patient showed a strange blood report.
D-DIMER – Normal
Platelets – Normal
LFT – Normal
RDW – 44 (Normal is 11 to 14).
Red blood cell Distribution Width (RDW) becomes large when iron, folic acid and Vit B deficiency is there. And in such a situation Hb is reported Low.
In this case his Hb is Normal.
That means something unusual is happening in his bone marrow that is producing a large size of RBC. This can cause blood cancer or heart attack.
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MAINTENANCE DOSE
This protocol is for those who are healthy and want to maintain their long term health.
Preparation and doses:
(i) Put 6 drops Guru and 6 drops Chela in a dry, non metal 250ml cup/glass and wait for 30 secs to activate. (Do not use water at this stage)
(ii) After activation the color changes to dark yellow. Then fill the glass with water and put 20 drops of Akela and drink immediately.
This protocol must be taken every night before sleeping. So for convenience you can keep a dedicated glass next to your bed.
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Health is an Indicator of human behavior towards their Environment. Therefore, take responsibility for your Soil, Space, Air, Fire & Water given by God as your Right, then, you will enjoy Health. Examine every Information comes to you. Because through the information only, thoughts are formed which is the real Force, then negatively or positively charged emotions influences our endocrine systems to produce hormones also called Enzymes or chemicals. Stress hormone gives toxic collection around the cells. Normal excretions become insufficient to remove extra toxins. Contaminated Air, Water and food add to the toxins. Pathogens coexisting in the body get an opportunity to feed on the toxic cells and thus it is called the infection or Disease.
Guru Chela and Akela provide 50% extra oxygen and oxidize the toxins and the sick cells. This restores the healing ability of your immune system. This is how your cells heal your body. Therefore thank God for the self healing system, Love your cells and have mercy on them, pray to God to help you restore your self-healing system. Now God has reached Guru Chela and Akela to you, therefore receive healing. Every material used for packing must be kept dry and clean, as per its character and then sent for recycling. Do not use & throw materials. Because in God’s creation, there is nothing called waste.
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